अमेरिका-चीन तनाव से भारत को बड़ा फायदा, बढ़ रहा व्यापारिक सहयोग
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव ने भारत के लिए नए अवसर पैदा किए हैं। ट्रंप प्रशासन द्वारा चीन पर टैरिफ लगाए जाने के बाद भारतीय उत्पादकों के लिए अमेरिकी बाजार में नए रास्ते खुल रहे हैं।
भारत का बढ़ता निर्यात
भारत के वाणिज्यिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में भारत का अमेरिका को निर्यात 5.57% बढ़कर 59.93 अरब डॉलर तक पहुंच गया। दिसंबर में यह वृद्धि 8.49% रही, जिसमें कुल शिपमेंट 7 अरब डॉलर का हुआ। भारतीय उत्पादों की अमेरिकी बाजार में बढ़ती मांग ने इस वृद्धि में अहम भूमिका निभाई।
आयात में भी हुआ सुधार
सिर्फ निर्यात ही नहीं, बल्कि अमेरिका से आयात में भी बढ़ोतरी देखी गई। अप्रैल-दिसंबर के दौरान भारत का अमेरिका से आयात 1.91% बढ़कर 33.4 अरब डॉलर रहा। दिसंबर में यह आंकड़ा 9.88% बढ़कर 3.77 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं।
चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध का लाभ भारत को
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव का सीधा फायदा भारत को मिल सकता है। चीन पर टैरिफ लगाए जाने के कारण अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों के लिए जगह बढ़ी है। वर्तमान में, अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत के कुल माल निर्यात में अमेरिका का योगदान लगभग 18% है, जबकि आयात में यह आंकड़ा 6% से अधिक है।
चुनौतियां भी सामने
हालांकि, चुनौतियां भी मौजूद हैं। अगर अमेरिका भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाता है, तो इससे व्यापार पर असर पड़ सकता है। इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने भारतीय टैरिफ नीतियों पर सवाल उठाए थे और जवाब में भारतीय वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाने की बात की थी।
चीन को झटका, भारत को राहत
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंध चीन के लिए खतरे की घंटी हो सकते हैं। चीन पर अतिरिक्त टैरिफ लागू होने से अमेरिकी बाजार में उसका व्यापार घट सकता है। इसके विपरीत, भारत और अमेरिका के रिश्ते मजबूत होने से भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ और स्थिरता मिलेगी।
यह व्यापारिक सहयोग भारत-अमेरिका संबंधों के एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत देता है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को और अधिक गति प्रदान कर सकता है।