MP Bartan Ghotala News: 810 रुपये का चम्मच और 1247 रुपये का जग, सिंगरौली के बर्तन घोटाले का पूरा सच
हाइलाइट्स:
- 1500 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खरीदे गए बर्तन।
- 46,500 चम्मच 3.76 करोड़ रुपये में खरीदे गए।
- महिला एवं बाल विकास मंत्री ने जांच के आदेश दिए।
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से एक बड़ा बर्तन घोटाला सामने आया है, जिसने पूरे प्रदेश को चौंका दिया है। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खरीदे गए बर्तनों की कीमतें इतनी अधिक दिखाई गईं कि ये मामला अब चर्चा का विषय बन गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 46,500 चम्मचों की खरीद पर करीब 3 करोड़ 76 लाख रुपये खर्च किए गए। इस हिसाब से प्रति चम्मच की कीमत 810 रुपये रही। वहीं, एक खाना परोसने वाली करछी की कीमत 1,348 रुपये और पानी के जग की कीमत 1,247 रुपये बताई गई।
5 करोड़ के घोटाले का खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सिंगरौली जिले की 1500 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए बर्तन खरीदी में फर्जी बिल बनाकर 5 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की बात सामने आई है। महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
बिल के चौंकाने वाले आंकड़े
- 46,500 चम्मच: 3.76 करोड़ रुपये (810 रुपये प्रति चम्मच)।
- 6,200 करछी: 83 लाख रुपये (1348 रुपये प्रति करछी)।
- 3,100 पानी के जग: 38 लाख रुपये (1247 रुपये प्रति जग)।
- 46,500 थालियां: 3.76 करोड़ रुपये (810 रुपये प्रति थाली)।
इस तरह, कुल 5 करोड़ रुपये से अधिक की बर्तन खरीदारी में गड़बड़ी की बात सामने आई है।
भोपाल के बाजार में असल कीमतें
लोकल 18 की टीम ने जब भोपाल के 10 नंबर मार्केट में दुकानदारों से इन सामानों के असल दाम पूछे, तो सच्चाई कुछ और ही निकली।
- प्रीमियम क्वालिटी के चम्मच का सेट 850 रुपये में मिलता है, जिसमें 6 चम्मच होते हैं।
- निम्न क्वालिटी के चम्मच 80 रुपये प्रति दर्जन के हिसाब से उपलब्ध हैं।
- करछी और पानी के जग की कीमतें भी सरकारी बिल में दिखाए गए दामों से काफी कम हैं।
विपक्ष का हमला
घोटाले के खुलासे के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार बेकाबू हो गया है। राशन, गर्भवती महिलाओं के अनाज और कुपोषित बच्चों से जुड़े घोटालों के बाद अब बर्तन खरीद में भी हेराफेरी हो रही है।
जांच के आदेश
महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
निष्कर्ष
सिंगरौली के बर्तन घोटाले ने सरकारी खरीद प्रक्रिया पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।